Bilaspur news-"सफाई कर्मी की मौत के बाद परिजनों का आक्रोश फूटा डीआरएम कार्यालय का सुबह से लेकर रात तक घेराव,,,, छावनी में तब्दील हुआ"डीआरएम कार्यालय
शेख असलम की रिपोर्ट,,
सफाई कर्मी की मौत के बाद परिजनों का आक्रोश फूटा डीआरएम कार्यालय का सुबह से लेकर रात तक घेराव,,,, छावनी में तब्दील हुआ डीआरएम कार्यालय
बिलासपुर -रेलवे कोचिंग डिपो में हुए हादसे के बाद मृतक प्रताप बर्मन के परिजनों का आक्रोश थम नहीं रहा है। परिजन और क्षेत्रवासी बड़ी संख्या में रेलवे डीआरएम कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने रेलवे प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मृतक के परिवार को न्याय दिलाने की मांग उठाई।
परिजनों का कहना है कि प्रताप बर्मन की मौत लापरवाही का नतीजा है। 23 अगस्त को कोचिंग डिपो में काम करते समय वह ओएचई लाइन की चपेट में आ गए थे। हादसे में वे गंभीर रूप से झुलस गए थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजन का आरोप है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण यह दर्दनाक घटना हुई है।
धरना दे रहे लोगों ने मांग की है कि मृतक की पत्नी को रेलवे में नौकरी दी जाए और परिवार को उचित मुआवजा मिलना चाहिए। इसके साथ ही भविष्य में ऐसे हादसे न हों, इसके लिए रेलवे को सुरक्षा इंतजाम कड़े करने होंगे। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। वहीं शाहिद शासन और प्रशासन के आल्हा अधिकारी डीआरएम कार्यालय के पास मौजूद रहे काफी लंबी वार्तालाप चलने के बाद वार्ता विफल हो गई, जहां पर मृतक की पत्नी के द्वारा मुआवजा की राशि की मांग को लेकर और अन्य मांगों को लेकर जिसमें 21 लाख का प्रस्तावित,, और अन्य मांगों को शासन प्रशासन द्वारा परिजनों के पास रखा गया जिसे उन्होंने आशीर्वाद करते हुए धरना स्थल पर ही देर रात्रि तक बैठे रहे,,
बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष हेमचंद मिरि ने कहा कि यह केवल एक परिवार की समस्या नहीं है, बल्कि मजदूरों की सुरक्षा का बड़ा सवाल है। अगर रेलवे जल्द समाधान नहीं करता तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
परिजनों का साफ कहना है कि जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। इस बीच रेलवे प्रबंधन परिजनों से बातचीत करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
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