Bilaspur news-" डर लगता है अब यहां जाने से?,,,,,,,आकर्षक पर्यटन स्थल बड़े-बड़े दावों और चकाचौंध के साथ उद्घाटित" हैप्पी स्ट्रीट"अब जी का जंजाल बना,, कब सुधरेगी व्यवस्थाएं,,,

शेख असलम की रिपोर्ट,,,
अरपा तट का 'हैप्पी स्ट्रीट' बना ‘कबाड़ गंज’

करोड़ों की लागत से विकसित पर्यटन स्थल जंजाल में तब्दील, नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बना परिसर

बिलासपुर। शहर की शान समझकर करोड़ों की लागत से विकसित किया गया,,अरपा तट का हैप्पी स्ट्रीट आज बदहाली और अव्यवस्था का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है। शनिचरी–चांटीडीह रपटा के पास स्थित यह आकर्षक पर्यटन स्थल बड़े-बड़े दावों और चकाचौंध के साथ उद्घाटित हुआ था, लेकिन कुछ ही महीनों में पूरा इलाका कबाड़ गंज में तब्दील हो चुका है।परिसर में लगी लाइटें, म्यूज़िक सिस्टम, फव्वारे, सेल्फी प्वॉइंट और आकर्षक लैण्डस्केपिंग—सब कुछ ठप पड़ा है। चारों तरफ गंदगी, टूटी संरचनाएं और जंग लगी वस्तुएं नजर आती हैं।नशाखोरी और दंगल का केंद्र बनता जा रहा परिसर,,स्थानीय लोगों के अनुसार पिछले कुछ महीनों में यह पूरा इलाका नशेड़ियों, बदमाशों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है।रोजाना यहां शराब सेवन,गांजा/ड्रग्स का सेवन,
और युवाओं के बीच झगड़े, मारपीट और दंगल की घटनाएं
देखने को मिल रही हैं।इसके कारण संभ्रांत परिवारों का यहां आना बंद हो गया है। कभी जहां शाम और सुबह वॉक करने वालों की भीड़ रहती थी, आज पूरा इलाका वीरान और भयभीत वातावरण में बदल चुका है।
लाइट–फव्वारा बंद, सफाई व्यवस्था चौपट,,मीडिया टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
✔ लाइटें बंद
✔ फव्वारे जंग खाकर रुके
✔ कचरों से भरे कोने
✔ टूटी बेंचें और बिखरे कांच
✔ सीसीटीवी कैमरे बंद
परिसर का हर हिस्सा असत-व्‍यस्‍त और लावारिस अवस्था में पड़ा है।
परिसर में तैनात चौकीदार ने बताया कि साफ-सफाई महीनों से नहीं हुई। रात होते ही असामाजिक तत्व कब्जा जमा लेते हैं, तो चौकीदार भी खुद को असुरक्षित महसूस करता है।
निगम की 10 गुमटियां भी बंद, बेरोजगारों को रोजगार देने की योजना फेल,,निगम प्रशासन ने इस स्थान को रोजगार का केंद्र बनाने के लिए 10 आधुनिक फूड गुमटियां बनवाई थीं।परंतु,गुमटियां जर्जर,बिजली कनेक्शन बंद,असामाजिक तत्वों की गतिविधियां चरम पर,सुरक्षा का अभाव,जिसके कारण सभी गुमटियां पूरी तरह बंद पड़ी हैं।स्थानीय दुकानदारों, गुमटी संचालकों और वॉकर्स ने बताया कि सुरक्षा और व्यवस्था के अभाव में यहां व्यापार चलाना असंभव हो गया था।अंधकार में डूबा पूरा परिसर—सुरक्षा शून्य,सीसीटीवी कैमरे बंद होने से बदमाशों को खुली छूट मिल गई है।
अंधेरी रातों में यह पूरा क्षेत्र शहर का सबसे संवेदनशील और खतरनाक स्पॉट बनता जा रहा है।लोगों का कहना है कि कई बार शिकायतें की गईं, परंतु किसी भी विभाग ने स्थाई समाधान नहीं निकाला। स्थानीय नागरिकों ने क्या कहा –मिडिया रिपोर्ट,,,मिडिया की टीम ने स्थानीय चौकीदार और आसपास के लोगों से बातचीत की।
सबका साफ कहना है कि–“यहां सुरक्षा नहीं है।”“नशाखोरी चरम पर है।”“हम अपने बच्चों को यहां लाने से डरते हैं।”“रात 8 बजे बाद यह जगह पूरी तरह असुरक्षित हो जाती है
“निगम ने बनाकर छोड़ दिया, कोई रख-रखाव नहीं।”नागरिकों ने प्रशासन से जल्द कार्रवाई कर परिसर को फिर से सुरक्षित और आकर्षक बनाने की मांग की है।निगम प्रशासन से सवाल,,1. करोड़ों खर्च करने के बाद भी रख-रखाव शून्य क्यों?2. सुरक्षा और सफाई व्यवस्था बहाल क्यों नहीं हुई?3. बंद पड़े फव्वारे, लाइटें, कैमरे कब शुरू होंगे?4. रोजगार देने के लिए बनी 10 गुमटियां सालों से क्यों बंद हैं?

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