Bilaspur news-"ग्राम बारगांव,सरगांव मे भव्य रूप से मनाया गया"शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान दिवस,,,

शेख असलम की रिपोर्ट,,,
ग्राम बारगांव,सरगांव मे भव्य रूप से मनाया गया"शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान दिवस


बिलासपुर -सरगांव-छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान दिवस ग्राम बारगांव में आदिवासी समाज द्वारा श्रद्धा, स्वाभिमान और गरिमा के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत समाज के इष्ट देव बुढ़ादेव के सुमिरन से हुई। इसके पश्चात् सामाजिक अतिथियों की उपस्थिति में वीर सपूतों की स्मृति में भव्य स्वाभिमान रैली निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणजन, युवा, महिलाएं एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष तिरु. सुभाष सिंह परते जी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। करमा ताल की गूंज और पारंपरिक नृत्य के साथ उनका आत्मीय स्वागत किया गया। अपने संबोधन में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 10 दिसंबर 1857 को अंग्रेजी हुकूमत ने रायपुर के जयस्तंभ चौक में वीर नारायण सिंह को फांसी दी थी। उनका बलिदान अन्याय के विरुद्ध संघर्ष, स्वाभिमान और सामाजिक न्याय का अमर प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।

केंद्रीय गोंड महासभा मुंगेली के जिलाध्यक्ष तिरु. वीरेंद्र कुमार मरावी जी ने कहा कि वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी थे। 1857 की क्रांति के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में विद्रोह का नेतृत्व किया और अकाल के समय गरीबों के लिए व्यापारियों से अनाज लेकर वितरण किया। इसी जनहितकारी कार्य के कारण उन्हें फांसी दी गई। उनका जीवन समाज के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं बिल्हा विधायक माननीय श्री धरमलाल कौशिक जी ने शहीद वीर नारायण सिंह को नमन करते हुए कहा कि उनका बलिदान छत्तीसगढ़ के आत्मगौरव, संघर्ष और स्वाभिमान का अमर प्रतीक है। उन्होंने बताया कि शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, नया रायपुर तथा संग्रहालय का निर्माण उनकी गाथा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण माध्यम है।
इस अवसर पर उन्होंने आदिवासी समाज सामुदायिक भवन निर्माण हेतु 5 लाख रुपये की घोषणा भी की, जिस पर समाजजनों ने हर्ष व्यक्त किया।

केंद्रीय गोंड महासभा मुंगेली के जिला सचिव तिरु. जिगेश्वर सिंह ध्रुव जी ने अपने वक्तव्य में बताया कि वीर नारायण सिंह का जन्म 1795 में सोनाखान में बिंझवार आदिवासी समुदाय के जमींदार परिवार में हुआ था। वे गरीबों के मसीहा थे और उनके बलिदान ने उन्हें “प्रथम छत्तीसगढ़ी स्वतंत्रता सेनानी” के रूप में अमर कर दिया।
कार्यक्रम में सर्व आदिवासी समाज बिलासपुर के जिला अध्यक्ष शिव नारायण चेचाम, जनपद सदस्य तिरु. संजीव नेताम, जिला युवा प्रभाग अध्यक्ष गेंदराम नेताम, सहित अनेक सामाजिक पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, ग्राम पंचायत सरपंच–उपसरपंच, पंचगण, मातृशक्ति, पितृशक्ति एवं युवाशक्ति की सक्रिय सहभागिता रही।
मंच संचालन तिरु. शैलेन्द्र ध्रुव (शिक्षक) एवं तिरु. नाथूराम ध्रुव (ABEO पथरिया) द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का समापन शहीद वीर नारायण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए समाज के प्रति आभार और कृतज्ञता ज्ञापन के साथ हुआ।

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