Bilaspur news-"स्व.काशीनाथ गोरे जी की स्मृति हमेशा रहेगी"प्रेम देकर प्रेम उत्पन्न होता है, शक्ति उत्पन्न होती है,,, "सबको अपने जीवन मे अपनेपन का स्मरण कर"आगे बढ़ना चाहिये-,संघ प्रमुख-मोहन भागवत
शेख असलम की रिपोर्ट,,,
स्व.काशीनाथ गोरे जी की स्मृति हमेशा रहेगी,,
,प्रेम देकर प्रेम उत्पन्न होता है, शक्ति उत्पन्न होती है,,,
सबको अपने जीवन मे अपनेपन का स्मरण कर"आगे बढ़ना चाहिये,,,,संघ प्रमुख-मोहन भागवत
बिलासपुर -स्व.लोकहितकारी काशीनाथ गोरे स्मृति समारिका विमोचन मे संघ प्रमुख मोहन भागवत सिम्स ऑडिटोरियम पहुंचे, संघ प्रमुख भागवत ने डॉ. रमन सिंह के साथ सर्वप्रथम दीप प्रज्ज्वलन कर मंचा आसीन हुऐ,,, साथ मे पूर्व मुख्य मंत्री, डॉ. रमन सिंह,,, डॉ. राजकुमार सचदेव विभाग संचालक,प्रांत संचालक,तोप लाल जी, प्रदीप विश्वकर्मा, अध्यक्ष काशी नाथ गोरे,,,,,,के साथ समस्त विधायक, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू,,,, शामिल रहे,,,,पूर्व मुख्यमंत्री व विधान सभा अध्यक्ष,, डॉ रमन सिंह ने सबसे पहले सभी का स्वागत किया,,,,डॉ. रमन सिंह ने कहा समाज व राष्ट्र के लिये काशी नाथ गोरे जी ने अपना जीवन समर्पित किया,,,,सभी के समस्याओ को सुनते और हल करते,,,,,,
ने आगे कहा वो खुद और अपने पुरे परिवार के साथ समर्पित रहे,,,, शासकीय सेवा मे रहने के साथ ही,,, संघ के लिये समर्पित रहे,,, काशी नाथ गोरे,,दलित बस्ती का वाक्या बताते हुऐ बताया की कैसे नवरात्री मे बच्चियो का पैर पखारा,,, और गोरे जी के आँख मे आंसू थे,,, बस्ती के लोगो के साथ मेरा भी हृदय परिवर्तन हो गया,,,
,,, उसके बाद स्व. काशी नाथ गोरे जी की पुस्तक का विमोचन संघ प्रमुख के द्वारा किया गया,,, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आगूँतको को सम्बोधित करते हुआ,कहा कि,,किसी भी स्तर का कार्यक्रम हो काशीनाथ जी हमेशा रहते थे,,, चाहे वो बीमार ही क्यों ना रहे हो,,, इन सारी बातो का उल्लेख स्मारिका मे है,,, आप मे ऐसा सदगुण चाहिये लोग आपके तरफ खींचे चले आयेंगे,,,,बाकी दीपो को कुछ ना कुछ चाहिये,,,,लेकिन रत्नदीप को किसी चीज की आवश्यकता नही है,,,, जीवन के उतार चढाव मे,,,, संघ मे सबसे महत्ववपूर्ण है उसको अपनाया सेवकों ने,,,सब अपने है का मूल स्वरूप अपनाया स्वंय सेवकों ने,,,,प्रेम देकर प्रेम उत्पन्न होता है,,, शक्ति उत्पन्न होती है,,, स्वंय सेवक यही करता है,,,,सबको अपनाना बिना मांगे सबकी सहायता करना ईश्वर की अभिव्यक्ति है,,,, इससे शक्ति की प्राप्ति होती है,,,,,शिवाजी महराज जैसे पराक्रम सब मे होना चाहिये,,,,समाज परिवार सभी को सुखी रखना चाहिये,,, यही काम स्व, काशी नाथ गोरे जी ने किया,,, यही सबको को करना चाहिये,,,, जो सबके के लिये सज्जन रहते है,,,,वो स्वंय सेवक है,,,,आगे संघ प्रमुख मोहन भागवत आगे ने कहा,,, कि अंधकार मे जलने वाला दीप सूर्य के उजालो से बेहतर है,,,ऐसे ही शांतता पूर्वक जल के उजाला करना चाहिये,,,, यह सब इस स्मारिका मे है,,, अपने पन को दुनिया भूलती जा रही,,, हिन्दू यही अपनेपन का स्मरण करके चले,,, काशी नाथ जी की स्मृति हमेशा रहेगी,,,,कार्यक्रम के अंतिम मे सभी का आभार व्यक्त किया गया!
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